वो कहते है न कि मेहनत करने वालों की कभी हार नही होता इस बात का जीता जागता उदाहरण है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की एक युवा छात्रा शताची निगम जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर अमेज़न (Amazon) में 45 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी हासिल की। वह वर्तमान में मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (MMMUT), गोरखपुर से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। उनकी उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि वह न तो IIT, IIM, NIT, या किसी अन्य बड़े संस्थान से हैं, बल्कि एक मध्यमवर्गीय परिवार से आकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
अमेज़न में नौकरी कैसे मिली?
• शैक्षिक पृष्ठभूमि: शताक्षी ने यूपी बोर्ड परीक्षा में अपने जिले में 15वां रैंक हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने MMMUT में दाखिला लिया।
• चयन प्रक्रिया: उन्होंने अमेज़न के लिए दो ऑनलाइन टेस्ट और साक्षात्कार (interview) पास किए। शुरू में उन्हें इंटर्न के रूप में चुना गया, जहाँ उन्हें 1.10 लाख रुपये प्रति माह वेतन मिला।
• पूर्णकालिक नौकरी: 6 महीने की इंटर्नशिप के दौरान उनके शानदार प्रदर्शन ने अमेज़न के अधिकारियों को प्रभावित किया। इसके बाद उन्हें सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Developer) के रूप में स्थायी नौकरी दी गई, जिसमें उन्हें 45 लाख रुपये प्रति वर्ष का पैकेज ऑफर हुआ। यह MMMUT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है, जिसने पिछले 15 लाख रुपये के रिकॉर्ड को तोड़ा।
पारिवारिक पृष्ठभूमि:
• शताक्षी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता, अश्विनी निगम, एक निजी फर्म में सेल्समैन हैं और 12,000 रुपये मासिक कमाते हैं, जबकि उनकी माँ, नीलम निगम, गृहिणी हैं।
• आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने पढ़ाई के लिए लोन लिया और अपनी मेहनत से इसे चुकाया।
खास बातें:
• शताक्षी की सफलता को MMMUT के उप-कुलपति प्रो. जेपी सैनी, प्लेसमेंट सेल के चेयरमैन प्रो. वीके त्रिपाठी और विभागाध्यक्ष प्रो. उदय शंकर ने सराहा।
• उनकी कहानी प्रेरणादायक है, खासकर उन छात्रों के लिए जो बड़े संस्थानों से नहीं हैं, लेकिन मेहनत और लगन से ऊँचाइयाँ छूना चाहते हैं।