भारत ऐसा देश है जहां नहाने को शुद्धता से जोड़कर इसे जरूरी बताया जाता है. स्नान हमारी संस्कृति से जुड़ा पवित्र काम है लेकिन ऐसे में अगर कोई आपसे ये कहे कि रोज मत नहाइए, इससे नुकसान भी हो सकता है तो आप क्या कहेंगे. कम से कम साइंस का तो यही कहना है.
दुनिया में सबसे ज्यादा भारत के लोग नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं की वजह से औसत भारतीय लोग तकरीबन रोज नहाते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करके वो अपने तन, मन, आत्मा को पवित्र कर लेंगे. वहीं बहुत से भारतीय लोग रोज इसलिए नहाते हैं, क्योंकि उनके मुताबिक रोज पूजा-पाठ करने के लिए नहाना बहुत जरूरी है लेकिन साइंस इसके बिल्कुल विपरीत है-

साइंस के मुताबिक अगर आप रोज नहा रहे हैं तो अपना नुकसान कर रहे हैं साथ ही अपनी प्रतिरोधक क्षमता को भी घटा रहे हैं. दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट का मानना है कि ठंड में रोज नहाना स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं है. जरूरत से अधिक नहाने से हमारी त्वचा को हानि पहुंचती है. वैसे गर्मियों में रोजाना नहाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन सर्दियो में नहाना किसी चुनौती से कम नहीं है.
कई स्टडीज में साबित हो चुका है कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है. अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है.
गर्म पानी से नहाना है नुकसानदायक
अगर सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे स्किन ड्राई हो जाती है. इससे शरीर का नेचुरल ऑयल भी निकल जाता हैं. शरीर का ये नेचुरल ऑयल हम सभी के लिए बहुत आवश्यक होता है. ये प्रतिरोधक क्षमता का भी काम करता है. साइंस के मुताबिक ये ऑयल आपको मॉइश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है.

अमेरिकी विश्वविद्यालय द यूनिवर्सिटी ऑफ उतह के जेनेटिक्स साइंस सेंटर के एक अध्ययन के मुताबिक, “ज्यादा नहाना हमारे मानव शरीर के सुरक्षातंत्र को नुकसान पहुंचाता है. रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने वाली क्षमताएं कमजोर पड़ जाती हैं. खाना पचाने और उसमें से विटमिन व अन्य पोषक तत्वों को अलग करने की क्षमता भी प्रभावित होती है.”
नहाने की आदत इंसान के मूड, तापमान, जलवायु, लिंग व सामाजिक दवाब पर अधित निर्भर करती है. भारत में धार्मिक वजहों इसके अलावा एक बड़ा कारण पानी की उपलब्धता भी है लेकिन ये भी सही है कि भारत में कई बार नहाने की वजह महज सामाजिक दवाब होता है.
नहाने में भारत है सबसे आगे
एक हालिया सर्वे से ये जानकारी मिली है कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग सबसे आगे हैं. अमेरिका व पश्चिम के देशों के कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि रोजाना नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक है.
