Uda Devi Story: इतिहास में जब पीछे पलटकर हम देखते हैं तो पुरुष क्रांतिकारियों की तरह महिला क्रांतिकारियों के जज्बे के किस्से भी सुनने को मिलते हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला सैनिक के बारे में बताएंगे, जिनका जिक्र शायद ही कभी हुआ हो….हम बात कर रहे हैं ऊदा देवी की… ऊदा देवी वो निडर महिला हैं जिन्होंने एक समय पर अंग्रेजों से लोहा लिया था।
ऊदा देवी(Uda Devi) का जन्म लखनऊ में ‘पासी’ परिवार में हुआ था। शादी के बाद उन्होंने ससुराल में अपना नाम ‘जगरानी’ रखा था। उस दौर में लखनऊ के छठे नवाब वाजिद अली शाह अपनी सेना को बढ़ाना चाहते थे। उनकी सैनिकों की सूची में ऊदा देवी के पति का नाम भी शामिल था। इसी को देखने के बाद ऊदा देवी भी वाजिद अली शाह के महिला सेना का भाग बनी थीं।
ऊदा देवी(Uda Devi) लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह की बेगम हजरत महल की सेना का हिस्सा थीं। जब भारत में पहला स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ तो अंग्रेजों ने लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह भारत से निकाल दिया था। नवाब की अनुपस्थिति में बेगम ने ही हजरत महल का मोर्चा संभाला था। इस दौरान युद्ध में ऊदा देवी ने भी अपनी भूमिका अदा की थी।
1857 के आसपास सार्जेंट केल्विन कैम्बेल की अगुवाई में ब्रिटिश सेना ने भारतीय सैनिकों पर हल्ला बोल दिया था। इसी दौरान अंग्रेजो का सामना करने के लिए ऊदा देवी पुरुषों की वेशभूषा में मैदान में उतर गई थीं। वो एक बंदूक और गोला-बारूद लेकर एक पीपल के पेड़ पर चढ़ गईं थीं गोला बारूद खत्म हो जाने के बाद भी अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था।