भारत में खेलों का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही प्रेरणादायक भी। इस देश की मिट्टी ने कई ऐसे नायकों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया। ऐसी ही एक कहानी है बिहार के इमामगंज की बेटी सृष्टि यादव की, जिन्होंने नेशनल कबड्डी अंडर-17 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने छोटे से कस्बे को देश के नक्शे पर ला खड़ा किया। सृष्टि की यह उपलब्धि न केवल एक खेल की जीत है, बल्कि ग्रामीण भारत की बेटियों के लिए एक मिसाल भी है, जो सपनों को सच करने की राह पर चल पड़ी हैं।
सृष्टि का सफर: मेहनत और लगन की मिसाल
सृष्टि यादव का जन्म इमामगंज में एक साधारण परिवार में हुआ। जहां संसाधनों की कमी और सुविधाओं का अभाव आम बात है, वहां सृष्टि ने अपने जुनून को कभी कम नहीं होने दिया। कबड्डी, जो भारत का पारंपरिक खेल है, सृष्टि के लिए सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाने का जरिया बन गया। छोटी उम्र से ही वह अपने स्कूल और गांव की कबड्डी टीम का हिस्सा
अंडर-17 में नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में किया नाम
सृष्टि की प्रतिभा तब सामने आई, जब उन्होंने स्थानीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और जीत हासिल की। उनकी तेजी, चपलता और खेल के प्रति समझ ने कोचों का ध्यान खींचा। अंडर-17 नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप के लिए चयनित होने के बाद सृष्टि ने दिन-रात मेहनत की। इस चैंपियनशिप में सृष्टि ने न सिर्फ अपनी टीम को मजबूती दी, बल्कि फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।