भोपाल की प्रतिभा जो सालों से बच्चों को गणित पढ़ा रही थी और एक लंबा अनुभव लेने के बाद भी शायद ही उन्होंने कभी सोचा होगा कि वह खेती खेती करके करोड़ो की मालकिन बन जाएंगी। प्रतिभा एक बिजनेस वुमेन के जो आर्गेनिक फूड उगाकर करोड़ो कमा रही हैं। इसी के साथ वो लगभग 1200 किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग के ज़रिए अपनी आय दोगुनी करने में सहायता करती हैं।
शादी के बाद, प्रतिभा भोपाल आ गई थीं उनके पति के परिवार के पास भोपाल से 150 किमी दूर हरदा में 50 एकड़ जमीन है। जब भी प्रतिभा का हरदा आना होती था, तो वह यह देखती थीं कि किसान अधिकतर खेतों में रसायनों का उपयोग करके फसल उगाते हैं और बहुत थोड़ी सी जगह में आर्गेनिक खेती करते हैं।

वहीं जब प्रतिभा ने किसानों से पूछा कि आर्गेनिक खेती इतनी छोटी सी जगह में क्यों हो रही है तो किसानो ने बताया कि ये जैविक खेती वो अपने इस्तेमाल के लिए कर रहे हैं और रसायनों का उपयोग करके उगाई जा रही फसलों का उपयोग वो बाजार में बेचने के लिए करने वाले हैं।
फिर प्रतिभा ने सोचा कि बाकि लोगों को भी स्वस्थ भोजन मिलना चाहिए। जिसके बाद प्रतिभा ने राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा आयोजित जैविक खेती पर वर्कशॉप्स और सेमिनारों में पार्टीसिपेट किया। उन्होंने दिल्ली में जैविक खेती के एक कोर्स में भी अपना एडमिशन कराया। 2016 में उन्होंने ज़मीन के एक छोटे से हिस्से में गेहूं उगाना शुरू किया। पारंपरिक खेती से जैविक खेती करने में लगभग तीन से पांच साल लगते हैं, क्योंकि खेतों को ज़हरीले रसायनों से मुक्त करना होता है और ऑर्गेनिक इनपुट का इस्तेमाल करके मिट्टी की उर्वरता को सही करना होता है।

प्रतिभा ने जैविक खेती के साथ ही 2016 में ‘भूमिशा ऑर्गेनिक्स’ नाम से अपना ऑर्गेनिक फूड ब्रांड भी आरंभ किया, जहां 70 प्रकार के प्रोडक्ट्स सेल किए जाते हैं, जिनमें गेहूं, चावल, दालें, मसाले, अचार, जड़ी-बूटियां, आटा, क्विनोआ, सन और चिया सीड्स और कोल्ड प्रेस्ड ऑयल मौजूद हैं।
उनके पास भोपाल, दिल्ली और मुंबई में तकरीबन 400 लोगों का एक कस्टमर बेस है। वहीं प्रतिभा ने 2019 तक, अपनी पूरी भूमि को जैविक में बदल दिया और सरकार से सर्टिफिकेशन भी हासिल कर लिया। वह गेहूँ, और दालें जैसे कुल्थी, चने और अरहर उगाती हैं। उन्होंने रोसेला, मोरिंगा, हिबिस्कस और एलोवेरा जैसे औषधीय पौधे भी लगाए हैं।
धीरे-धीरे ही सही लेकिन प्रतिभा से जुड़े कुछ किसानों की अच्छी उपज को देखकर, दूसरे लोगों ने भी उनके साथ जुड़ने की इच्छा जताई और आज मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में तकरीबन 1200 किसान प्रतिभा से जुड़े हैं। वह किसानों से उत्पादन लेकर उसे अपने ब्रांड के अंतर्गत बेचती हैं।

प्रतिभा अब अपने ऑर्गेनिक फूड बिज़नेस को और ऊंचाई तक पहुंचाने का काम कर रही हैं। 2023 को बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाए जाने के साथ, प्रतिभा ने बीते साल एक नई कंपनी, कृषिका नेचुरल्स प्रा. लि. को शुरु किया, जहां बाजरा-आधारित प्रोडक्ट्स की प्रोडक्शन और मार्केटिंग की जा रही है।
उन्होंने कुछ दिनो पहले बाजरा उत्पादों के निर्यात के लिए दो इंडोनेशियाई फर्म्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भले ही प्रतिभा पहली पीढ़ी की बिज़नेस वुमन हैं, लेकिन उन्होंने एक सफल व्यवसाय खड़ा किया है और ऐसा करने में दूसरों की भी मदद की है।

अब आगे वह किसानों को और अच्छी कीमत दिलाने में सहायता करना चाहती हैं। साथ ही ऑर्गेनिक फूड को वह ग्राहकों के लिए भी किफायती बनाना चाहती हैं। उनका उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाया जाए।