9 मई 2025 को नौसेना की लेफ़्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी (27) ने भारत के राष्ट्रपति की पहली महिला Aide-de-Camp (ADC) के रूप में कार्यभार संभाला। अब तक राष्ट्रपति के पाँचों ADC पुरुष ही रहे थे—तीन थल सेना, एक नौसेना और एक वायु सेना अधिकारी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए यह नया अध्याय शुरू किया।
चयन की प्रक्रिया

नौसेना के मौजूदा ADC का कार्यकाल पूरा होने पर तीन महिला नौसेना अधिकारियों को शॉर्ट-लिस्ट किया गया। सभी प्रत्याशियों को 15 दिन तक राष्ट्रपति भवन में आकलन के लिए रखा गया, जहाँ उनकी शारीरिक दक्षता, बौद्धिक क्षमता और परिस्थितियों में ढलने की योग्यता परखा गई राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वयं अंतिम साक्षात्कार लिया और अप्रैल 2025 में यशस्वी सोलंकी का चयन सुनिश्चित किया। नियुक्ति से पहले सोलंकी ने एक महीने का विशेष प्रशिक्षण भी पूरा किया।
भूमिका और ज़िम्मेदारियां

ADC राष्ट्रपति के कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष सहयोग करते हैं और सेना-सरकार के बीच संपर्क सूत्र का काम निभाते हैं। अब यशस्वी सोलंकी हर आधिकारिक दौरे, समारोह और बैठक में राष्ट्रपति के साथ होंगी, जिससे उच्च स्तर पर महिला प्रतिनिधित्व और मज़बूत होगा।
योग्यता और पृष्ठभूमि

गुजरात के भरूच की रहने वाली सोलंकी ज़िला-स्तरीय बैडमिंटन व वॉलीबॉल खिलाड़ी रही हैं। उनकी लंबाई और फिटनेस (न्यूनतम 173 सेमी मानक) ने चयन में बड़ी भूमिका निभाई। चयन मानदंड पुरुष अधिकारियों के समान ही रहे, केवल इतना परिवर्तन हुआ कि ग़ैर-स्थायी कमीशन वाली महिला अधिकारियों को भी आवेदन की अनुमति दी गई।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

राष्ट्रपति भवन का यह निर्णय राष्ट्रपति मुर्मू की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें वह निरंतर महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और समावेशन की वकालत करती हैं। सैन्य सचिव मेजर जनरल वी. परिदा के शब्दों में, यह नियुक्ति “राष्ट्रपति की दूरदर्शी पहल का प्रतिफल” है।