नेहा नरखेड़े (Neha Narkhede) का नाम आज उन चुनिंदा भारतीय महिलाओं में शामिल है जिन्होंने कम उम्र में अपनी मेहनत और लगन से सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया है। महाराष्ट्र के पुणे में पली-बढ़ी नेहा ने जिंदगी की हर चुनौती का डटकर सामना किया और यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। कहते हैं कि ऊंची उड़ान के लिए पंखों की नहीं बल्कि हौसलों की जरूरत होती है, और नेहा की कहानी इसी कहावत का जीता-जागता उदाहरण है।

नेहा ने अपने सपनों की उड़ान अमेरिका में शुरू की, जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ अपनी काबिलियत को निखारा। पढ़ाई पूरी करने के बाद नेहा ने वहां अपनी खुद की कंपनी की नींव रखी। आज उनकी इस कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 75 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। हाल ही में प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैगज़ीन ने नेहा को अमेरिका की “सेल्फ मेड अमीर महिलाओं” की सूची में शामिल कर एक और पहचान दी है।
भारत की सबसे कम उम्र की सेल्फ मेड वुमेन एंटरप्रेन्योर के तौर पर नेहा की यह यात्रा किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं है। उन्होंने अपने दम पर ऐसा मुकाम हासिल किया है, जहां तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं होती। अमेरिका में पढ़ाई करने से लेकर खुद का बिजनेस खड़ा करने तक, हर कदम पर उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनकी सफलता इस बात का उदाहरण है कि मेहनत और लगन से सब कुछ संभव है।

नेहा नरखेड़े उन भारतीय महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने विदेशी ज़मीन पर अपनी पहचान बनाई और देश का नाम रोशन किया। उन्होंने न सिर्फ अपना सपना पूरा किया बल्कि दूसरी महिलाओं और युवाओं के लिए भी मिसाल कायम की है। नेहा की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि बड़े ख्वाब देखने वालों को ही बड़ी कामयाबी मिलती है।