दिल और जिगर का रखें खास ख्याल, वरना हो सकता है बुरा हाल

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बॉलीवुड में हमारी आंखें हर समय “”दिल”” और “”जिगर”” के गाने गुनगुनाने लगती हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में ये ही दोनों शरीर के बहुत महत्वपूर्ण और अलग-अलग अंग हैं। दिल (Heart) जहां पूरे शरीर को रक्त आपूर्ति करता है, वहीं जिगर (Liver) न सिर्फ हमारे शरीर की सफाई व्यवस्था करता है, बल्कि पाचन भी उसका मुख्य केंद्र है। चलिए जानते हैं इनकी सेहत का ध्यान रखना क्यों बेहद ज़रूरी है और हमें कौन-से एहतियात बरतने चाहिए। तो आइये जानते है इसके बारे मे


दिल (Heart) – जीवन का इंजन

हृदय एक शक्तिशाली मांसपेशीय अंग है, जो चौबीसों घंटे शरीर के हर अंग तक रक्त पहुंचाने का काम करता है। इसमें चार कक्ष होते हैं – दायां और बायां आलिंद तथा दायां और बायां निलय। इन कक्षों में समन्वय बनाकर ब्लड पंप किया जाता है। दिल में एक विशेष विद्युत प्रणाली होती है, जो इसकी धड़कन को नियंत्रित करती है। यह प्रणाली ही पूरे हृदय क्रिया-कलापों की ऊर्जा का स्रोत है। चार वाल्व – ट्राइकसपिड, पल्मोनिक, मिट्रल और महाधमनी वाल्व रक्त को एक ही दिशा में प्रवाहित करते हैं ताकि ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे।

भारत में हृदय रोग की स्थिति

पिछले दशकों में भारत में दिल की बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जहां पहले बुजुर्ग ही इसकी चपेट में आते थे, अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पहले माता-पिता अपने बुजुर्गों का इलाज करवाते थे, अब बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल की दौड़ लग रही है।

हृदय रोगों से मौतों में बीते 50 सालों में जबरदस्त इजाफा हुआ है, विशेषकर 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों में। हालीया रिपोर्ट के अनुसार 10 में से 4 मौतें 45 वर्ष से कम आयु के लोगों में हो रही हैं। पिछले 10 सालों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 75% तक वृद्धि दर्ज हुई है। 40 साल से कम उम्र के करीब 25% लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। वहीं 50 साल से कम के करीब 50% लोगों को हृदय रोगों का खतरा बना रहता है।

भारतीय पुरुषों में कम से कम 50% हार्ट अटैक 50 साल की उम्र से कम में ही हो रहे हैं। उनमें अचानक कार्डियक अरेस्ट का भी बहुत बड़ा प्रतिशत है। चौंकानेवाली बात यह है कि अब 35 साल से कम उम्र में भी हार्ट अटैक कोई आम बात हो गई है।

हृदय रोग के संकेत

शुरुआती स्टेज में दिल की बीमारी का पता चलना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन अगर सीने में दर्द, सांस फूलना, बांह या कंधे में दर्द, थकावट, चिपचिपा पसीना, गर्दन में जकड़न या अपच जैसी समस्याएं नजर आती हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

दिल को रखें दुरुस्त – कुछ आसान उपाय

संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कम नमक और कम वसा हो। रोजाना व्यायाम करें, योग और मेडिटेशन से तनाव कम करें। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। याद रखिए – “सेहतमंद दिल, खुशहाल जिंदगी।”

जिगर (Liver) – शरीर का फ़िल्टर सिस्टम

अब जिगर यानी लिवर की बात करते हैं। यह शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और लगभग 500 से अधिक काम करता है। यह पाचन में मदद करता है, खून से विषैले तत्वों को हटाता है, पित्त बनाता है और ऊर्जा का भंडारण करता है।

लिवर से जुड़ी समस्याएं

गलत जीवनशैली, शराब का अत्यधिक सेवन, वायरल संक्रमण (जैसे हेपेटाइटिस B और C), मोटापा और अनियमित खानपान लीवर की सेहत पर सीधा असर डालते हैं।

भारत में लीवर से संबंधित प्रमुख रोगों में फैटी लीवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लिवर कैंसर शामिल हैं। समस्या यह है कि इनके शुरुआती लक्षण बहुत आम होते हैं या दिखाई ही नहीं देते। इसलिए रोग पकड़ में तब आ जाता है जब स्थिति गंभीर हो जाए।

लिवर को रखें स्वस्थ – जरूरी सावधानियां

तले-भुने चीज़ों से परहेज करें। शराब पीना या तो पूरी तरह से नहीं करें या सीमित ही करें। वज़न कंट्रोल में रखें। नियमित रूप से लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और हेपेटाइटिस की जाँच करवाएं। हेपेटाइटिस A और B से बचने के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं।

भारत में लिवर रोग की स्थिति

WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 10 लाख लोग लीवर रोगों की चपेट में आते हैं, जिनमें से लगभग 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। खासकर फैटी लीवर और हेपेटाइटिस के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं।

लीवर की खासियत

क्या आप जानते हैं कि लीवर में इतनी खासियत होती है कि अगर उसका कोई हिस्सा कट भी जाए तो यह खुद को दोबारा रीजनरेट कर सकता है। ठीक वैसे ही जैसे हमारे बाल या नाखून फिर से बढ़ते हैं। इसका मतलब है कि अगर हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सुधार करें तो लीवर खुद ही काफी हद तक ठीक हो सकता है।

जैसे दिल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, वैसे ही जिगर के बिना शरीर की सफाई और ऊर्जा प्रबंधन असंभव है। सही खानपान, नियमित जांच और स्वस्थ आदतों के जरिए हम इन दोनों अंगों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

याद रखें: दिल और जिगर की देखभाल करें, वरना सेहत होगी बेहाल

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