एक प्रेरणादायी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रुक्मिणी रियार, जिन्होंने अपनी असाधारण मेहनत और दृढ़ संकल्प से लाखों लोगों के लिए मिसाल कायम की है। पंजाब के गुरदासपुर में जन्मीं रुक्मिणी का जीवन संघर्ष और सफलता की एक अनूठी कहानी है। बचपन में पढ़ाई में कमजोर होने के बावजूद, उन्होंने अपनी कमियों को अपनी ताकत बनाया और देश की सबसे कठिन परीक्षा, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2011 में पहली बार में ही दूसरी रैंक (AIR 2) हासिल कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
क्लास 6 में हुई फैल
रुक्मिणी रियार का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश पंजाब के गुरदासपुर में हुई। उनके पिता, बलजिंदर सिंह रियार, होशियारपुर के रिटायर्ड डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी थे, जबकि उनकी माता, तकदीर कौर, एक गृहिणी हैं। रुक्मिणी शुरू से ही पढ़ाई में बहुत तेज नहीं थीं। छठी कक्षा में फेल होने के बाद उनके परिवार और शिक्षकों को उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं। इस असफलता ने उन्हें शुरू में निराश किया, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बना लिया। इसके बाद उन्होंने डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में पढ़ाई की और धीरे-धीरे अपने प्रदर्शन में सुधार किया।
12वीं कक्षा के बाद, रुक्मिणी ने अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से सोशल साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की, जहां वे गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। इस दौरान उनकी रुचि सामाजिक कार्यों की ओर बढ़ी, जिसने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।
करियर की शुरुआत और यूपीएससी की तैयारी
पढ़ाई पूरी करने के बाद रुक्मिणी ने कुछ समय तक गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ काम किया। उन्होंने योजना आयोग, मैसूर में अशोदया, और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे संगठनों में इंटर्नशिप की। इन अनुभवों ने उन्हें समाज की समस्याओं को करीब से समझने का मौका दिया और सिविल सेवा के जरिए देश की सेवा करने की इच्छा को मजबूत किया।
यूपीएससी की तैयारी के लिए रुक्मिणी ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया। उन्होंने छठी से 12वीं तक की एनसीईआरटी किताबों को अपनी तैयारी का आधार बनाया। रोजाना अखबार पढ़ना, मॉक टेस्ट देना, और पिछले सालों के प्रश्नपत्र हल करना उनकी रणनीति का हिस्सा था। उनकी मेहनत और लगन का नतीजा यह हुआ कि 2011 में उन्होंने पहली कोशिश में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की।
IAS के रूप में करियर
रुक्मिणी रियार को राजस्थान कैडर आवंटित हुआ, जहां उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे श्रीगंगानगर की जिला कलेक्टर रही हैं और वर्तमान में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने प्रशासनिक कुशलता और जनसेवा के प्रति समर्पण दिखाया है। उनके पति, सिद्धार्थ सिहाग, भी एक IAS अधिकारी हैं, और दोनों की जोड़ी राजस्थान में चर्चित रही है।